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अनूठे जहाज़ – ख्यातोस्लाव साखर्नीव ( Wondorous Ships In Hindi by Svyatoslav Sakharnov)

सागरों में जहाज चलते हैं। भाप छोड़ते हैं, नुकीले सिरों से पानी को चीरते हैं और अपने काम-काज पूरे करने की उतावली में रहते हैं। किसी जहाज की धुआं-चिमनी ऊंची होती है और किसी की नीची। कोई तो तीन बजरे … Continue reading

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