महान अक्तूबर क्रान्ति से पूर्व भौगोलिक नक़्शे में ताजिकिस्तान जैसा कोई शब्द नहीं था। यों लोगों को एक अरसे से यह पता था कि पहाड़ों का एक देश है जहां पंजिम और सिरदरिया बहती हैं और जहां के निवासी परिश्रमी ताजिक जाति के लोग हैं। यह वह जाति है जिसने विश्व मानव को प्रसिद्ध कवि, विद्वान दिये हैं, जिनमें रूदाकी, फ़िरदौसी, खय्याम और इब्न सीना जैसे महान व्यक्तियों के नाम लिये जा सकते हैं। ताजिकिस्तान मध्य एशिया के गणतन्त्रों में से एक है जो उसके दक्षिण-पूर्वी भाग में विशाल पर्वत श्रेणियों के संगम पर स्थित है। ताजिकि- स्तान सूर्यस्नात व हिमाच्छादित पर्वतों का देश है। इस देश में गहरे और तंग दरें हैं जिनमें से होकर विशाल नदियां बहती हैं। ताजि- किस्तान “सफ़ेद सोने” का कपास का देश है। यहां का प्राकृतिक वातावरण अपने परस्पर विरोधी तत्त्वों के कारण आश्चर्यचकित कर देता है। इस देश में मटियाले रेगिस्तान और हरे- भरे मरुद्यान, पहाड़ी जंगल और हिमनदियां, शिशिर और ग्रीष्म ऋतु साथ-साथ ही देखे जा सकते हैं।
अपने बहुरंगी और समृद्ध प्राकृतिक क्षेत्रों की भांति यहां का साहित्य और संस्कृति भी बहुरंगी और विशाल है। ताजिक कहानियों को समर्पित इस कथा-संग्रह में, जो मूल रूप से हाल के वर्षों से संबंधित है, पाठक को केवल समस्याओं व चरित्र की ही विविधता नहीं मिलेगी, वरन् साहित्यिक शैली के विविध रंगों का भी परिचय मिलेगा। उन रंगों में अपनी शास्त्रीय स्वच्छता से पराभूत करनेवाली यथार्थ- वादी शैली से लेकर चित्ताकर्षक सुगढ़ पूर्वी कालीन को स्मरण करानेवाले बहुरंगी, आलंका- रिक काव्यात्मक गद्य के भी दर्शन मिलेंगे। ताजिक कहानियों के प्रस्तुत संग्रह में ताजिक सोवियत साहित्य के संस्थापक सदरुद्दीन ऐनी से लेकर हाल के कुछ वर्षों में अपनी कृतियों से साहित्य में पदार्पण करनेवाले विभिन्न साहित्यिक पीढ़ियों के लेखकों की रचनाएं संग्रहीत हैं। पुराने गांव, गरीब किसान, पुराना बुखारा… और परिवर्तित जीवन, नयी समाजवादी यथार्थता, परस्पर विरोधी भावनाओं के संघर्ष में जन्मा नैतिक आत्मिक पूर्णता की ओर उन्मुख नया इनसान इस कथा-संग्रह की कहानियों के पृष्ठों में यही सब कुछ उभरकर सामने आता है। इस कथा-संग्रह के लेखकों का मुख्य ध्येय रहा है इनसान को अच्छाई न्याय व मानवता की राह पर चलाना और लोगों व समाज को अपने कर्त्तव्य का बोध करवाना।
अनुवादक : सुधीर कुमार माथुर व देवेन्द्र किशोर जोशी
चित्रकार : कन्स्तान्तिन ईशिन
संग्रहकर्त्ता : शौकत नियाज़ी
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सदरुद्दीन ऐनी। बुखारा के रास्ते पर, (संस्मरण). ५
हाजी सादिक़। हरफ़नमौला १४७
सातिम उलूग-जादा। आशु-कवि की मौत. १५८
फ़जलुद्दीन मुहम्मदियेव । मल्ल-युद्ध १६८
सत्तार तुरसून। चौराहा २०२
पुलात तालीस (पुलातोव तोल्सतोय) । सबसे बड़ा सुख २२४
रसूल हादी-जादा। मूलियान की पुकार. २३७
मारूफ़ बाबाजान। मां २६६
अब्दुसलाम अताबायेव । अन्तिम मिलन २७८
बहराम फ़िरोज। कड़वा सच २६०
अब्दुराफ़े रबियेव । बाढ़ ३०५
बाल्ता आरतीक़ोव । पत्थर के आंसू. ३२०
रहीम जलील । संगमरमर की लड़की. ३२८
मारबान । चिड़ीमार ३४५
